कोई दोस्त कोई हमदम अब कहाँ है प्यार की ग़ज़लों का मौसम अब कहाँ है सबके सीने रेत के टीले हुए हैं संदली साँसों की सरगम अब कहाँ है सोख ले जो ख़ून के धब्बे हमारे ऐसी सतलुज, ऐसी झेलम अब कहाँ है लौट जाओ तुम ‘समर’ इल्मो-अदब का इस शहर में … Continue reading कोई दोस्त कोई हमदम अब कहाँ है
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